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Wednesday, December 1, 2010
मुझमे मैं भी रहती हूँ.. !! ( Where am I ?)
राधा-मीरा की बातों से कब तक मुझको बहलाओगे..?
मेरा भी अस्तित्व है कुछ.. क्या मान कभी ये पाओगे..?
क्या तुम ये स्वीकार सकोगे..मुझमे मैं भी रहती हूँ..?
तुम जब बातों में बहते हो..मुझमे मैं भी बहती हूँ..?
मैं माँ हूँ.. यह भी एक सच है, मैं बेटी भी होती हूँ..!
माना कि मैं मीरा भी हूँ, कृष्ण बिना मैं रोती हूँ !!
मैं प्रेयसी हूँ.. यह भी सच है, मैं भाग तुम्हारा आधा हूँ !
फिर भी तुमको लगता है, मैं स्वयं तुम्हारी बाधा हूँ !!
पहले भी तुमने छला मुझे, तुम अब भी तो छलते हो !
मैं जब भी आगे बढती हूँ, हाथ तभी तुम मलते हो !!
ना हूँ मैं पूजन की प्यासी.. न मात्र किताबी बातों की..!
जो सात वचन देती हूँ तुमको, इच्छित हूँ उन सातों की !!
स्वीकार करो यह सत्य महज, मैं बस इतना कहती हूँ.. !
बस तुम यह स्वीकार करो कि मुझमे मैं भी रहती हूँ.. !!
-अमित तिवारी
समाचार संपादक
निर्माण संवाद
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अमित तिवारी
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ना हूँ मैं पूजन की प्यासी.. न मात्र किताबी बातों की..!
ReplyDeleteजो सात वचन देती हूँ तुमको, इच्छित हूँ उन सातों की !!
waah...
bahut sundar kavita hai.
सोचा की बेहतरीन पंक्तियाँ चुन के तारीफ करून ... मगर पूरी नज़्म ही शानदार है ...आपने लफ्ज़ दिए है अपने एहसास को ... दिल छु लेने वाली रचना ...
ReplyDeletebahut khoobsurt
ReplyDeletemahnat safal hui
yu hi likhate raho tumhe padhana acha lagata hai.
सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (2/12/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
amazzzing as usual.. :) :D
ReplyDeletehmm... gud one... keep it up!!!!
ReplyDeleteवंदना जी इस उत्साहवर्द्धन के लिए आपका बहुत-बहुत आभार...
ReplyDeleteचर्चा-मंच में आना हमारे लिए भी सम्मान की बात है...
आप सभी के स्नेह और समर्थन के लिए धन्यवाद...
मुझमे मैं भी रहती हूँ ....
ReplyDeleteमां , बहन , बेटी के अलावा भी ...
अच्छी कविता !
Kamal ka likha diya hai apne.
ReplyDeleteजीवन के यथार्थ की एक अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteबेहद मर्मस्पर्शी कविता.
ReplyDeleteजो सात वचन देती हूँ तुमको, इच्छित हूँ उन सातों की.
ReplyDeleteबहुत बढिया, भावप्रवण प्रस्तुति.
हर शब्द सत्य पूर्ण सत्य।
ReplyDeleteकाश इस सत्य को सब समझ लें
ना हूँ मैं पूजन की प्यासी.. न मात्र किताबी बातों की..!
ReplyDeleteजो सात वचन देती हूँ तुमको, इच्छित हूँ उन सातों की !!
मुझमें मैं भी रहती हूं। बहुत सुंदर लिखा है ...
मैं माँ हूँ.. यह भी एक सच है, मैं बेटी भी होती हूँ..!
ReplyDeleteमाना कि मैं मीरा भी हूँ, कृष्ण बिना मैं रोती हूँ !!
बेहद अच्छी रचना...
http://veenakesur.blogspot.com/
ना हूँ मैं पूजन की प्यासी.. न मात्र किताबी बातों की..!
ReplyDeleteजो सात वचन देती हूँ तुमको, इच्छित हूँ उन सातों की !!
नारी ह्रदय की पीड़ा की बहुत सशक्त अभिव्यक्ति..बहुत भावपूर्ण रचना. बधाई
स्वीकार करो यह सत्य महज, मैं बस इतना कहती हूँ.. !
ReplyDeleteबस तुम यह स्वीकार करो कि मुझमे मैं भी रहती हूँ.. !!
aur bhala jeene ko ky achahiye... bahut khoob...
ना हूँ मैं पूजन की प्यासी.. न मात्र किताबी बातों की..!
ReplyDeleteजो सात वचन देती हूँ तुमको, इच्छित हूँ उन सातों की !!
शब्द नहीं हैं.....सिर्फ इतना कह सकता हूँ..... और लिखिए...
@पूनम- धन्यवाद.
ReplyDelete@संजय- धन्यवाद बंधुवर.
@संगीता जी- धन्यवाद
@वंदना जी- चर्चामंच में स्थान देने के लिए एक बार फिर आपका आभार.
@मोनिका- धन्यवाद,
@बिट्टी- बाबु तुम पढ़ती रहो, हम लिखते भी रहेंगे..
@वाणी गीत - धन्यवाद
@तारकेश्वर जी - उत्साहवर्द्धन के लिए धन्यवाद
@अनीता जी - है तो जीवन का कड़वा यथार्थ ही.. लेकिन सफल तो तब हो लिखना कि कोई स्वीकार सके...
@यशवंत जी- धन्याद बंधुवर कविता के मर्म को समझने के लिए
@सुशील जी - धन्यवाद सुशील जी.
@अपर्णा पलाश जी - बस यही है कि "सत्य लिख हर सत्य धोता जा रहा हूँ, स्वयं पर सबको हंसा खुद आ ज्रोता जा रहा हूँ " और वास्तव में लिखना तभी सार्थक होगा कि सब इस सत्य को समझ भी सकें.
@विजय जी- धन्यवाद,
@ वीना - धन्यवाद,
@कैलाश जी- इस पीड़ा को सब समझ सकें काश..
@पूजा जी- धन्यवाद
@देव- धन्यवाद..
आप सभी का स्नेह बना रहे, कलम चलती रहेगी..
बहुत सुन्दर !!!
ReplyDeletegood......seen..just now like it
ReplyDeletesorry in my desk top no provision of writing devnagari.
aap ke bare main jyada naheen janta...jan-ne ki ichha hai
kab seahe hain tatha kahan se belong karte hain
job j
age kya hai
kya batna pasand karenge?
uttar kee prteeksha mein
aap apni ID bata dijiye sarkaar....
ReplyDeleteaapse sampark karke achchha lagega...
..
hamari ID ..
amit.tiwari7187@gmail.com