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Wednesday, January 25, 2012

हुस्न की तीली से सिर्फ बीड़ी और चिल्लम ही जल सकती हैं...



आग बहुत है देश में...
कहीं 'जिगर की आग' से 'बीड़ी' और 'अंगीठी' जल रही है...
तो कहीं 'जवानी की आग' में कोई ख़ाक हो रहा है..
धुंआ-धुंआ हो रहा है समां..
अब तो 'चिकनी चमेली' के 'हुस्न की तीली' भी
सबको जलाने के लिए बेचैन हो रही है...
तीली के ट्रेलर से इतनी आग निकल रही है...
भला पूरी फिलम की आग से कौन बच पायेगा..?
लग रहा है सब जल जायेगा..
सोच रहा था कि कह ही दूं कि सब जल जायेगा
इस बार इस तीली से..
लेकिन
नहीं... ऐसा नहीं हो सकता..
इनकी आग में चाहे जितनी गर्मी हो...
लेकिन देश के खून में इस से कई गुना ज्यादा सर्द भरी है..
बात चाहे 'चिकनी चमेली' के 'हुस्न की तीली' की हो...
या किसी के 'जिगर के आग' की..
इन सबसे सिर्फ 'बीड़ी' और 'चिल्लम' ही जल सकती है...
और फिर इस 'हुस्न की तीली' से बुझ जाती है
लोगों के भीतर के गुस्से की आग...
इनकी आग इस 'दौर-ए-सियासत' का अँधेरा नहीं मिट सकता..

-अमित तिवारी
समाचार संपादक
अचीवर्स एक्सप्रेस

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