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Monday, May 12, 2014

तुम ही तो हो (Priytama)



कभी तुमसे कहा तो नहीं,
कि तुम ही मेरा जीवन हो।
मेरी खुशियों की तुलसी का,
एक तुम ही तो आँगन हो।।
तुम्हें पाना है जग पाना,
तुम्हारा प्यार धड़कन है।
इसी में बंध के जीना है,
ये वो प्यारा सा बन्धन है।।
नहीं दुख सुख की बातें हैं,
कि जो है प्यार ही तो है।
तुम्हारी बांह में सिमटा,
मेरा संसार ही तो है।।
तुम्हारा हूँ तो खुद का हूँ,
तुम्ही से आस पलती है।
लो मैने कह दिया तुमसे,
तुम्ही से सांस चलती है।।

- अमित तिवारी
सीनियर सब एडिटर
दैनिक जागरण

4 comments:

  1. तुम्ही से सांस चलती है में सब कह तो दिया !!
    भावपूर्ण !

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  2. प्रेम की अभिव्यक्ति है ... सुन्दर रचना ...

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  3. सुन्दर अभिव्यक्ति प्रेम की ...

    ~सादर

    ReplyDelete
  4. शास्‍त्री जी बहुत-बहुत आभार आपका...
    वाणी जी, दिगंबर जी, अनिता जी आप सभी का धन्‍यवाद...

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