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Wednesday, February 1, 2012

तुम्हे तो याद ही होगा...

ये बातें हैं पुरानी सी
मैं कहता हूँ.. सुनो जानां..
तुम्हारी याद में अब भी
तो रहता हूँ.. सुनो जानां..

तुम्हे वो याद तो होंगे
जो सपने हम सजाते थे..
मोहब्बत के वो मीठे पल
जो रातों को जगाते थे..
तुम्हारे लब की थिरकन से ही
मेरी सांस चलती थी..
शरारत से भरे वो पल
सताते थे, हंसाते थे..

यक़ीनन वो हसीं पल थे
कि जब तुम मुस्कुराती थीं..
मेरे सपनो के गुलशन में
किसी तितली सा गातीं थीं..
तुम्हारी आँख से मोती
बरसना याद है मुझको..
तुम्हारे रूठ जाने से
बहारें रूठ जाती थीं..

तुम्हे तो याद ही होगा
मुझे कब याद रहता था..
किधर सूरज निकलता था
किधर से रात ढलती थी..
तुम्हारा साथ काफी था
मेरे इस हाथ की खातिर..
तुम्हारे ही इशारे से
तो मेरी साँस चलती थी..

मगर फिर यूँ तुम्हारा
रूठ जाना याद है मुझको..
यूँ मुझसे दूर जाने का
बहाना याद है मुझको..
तुम्हे भी याद तो होगा
जो तुम अक्सर ही कहती थीं..
'तुम्हारे बिन नहीं जीना'
वो गाना याद है मुझको..
उन्हीं यादों के अश्कों में
मैं बहता हूँ.. सुनो जाना..
ये बातें हैं पुरानी सी..
मैं कहता हूँ.. सुनो जानां..


- अमित तिवारी
समाचार संपादक
अचीवर्स एक्सप्रेस

7 comments:

  1. तुम्हे तो याद ही होगा
    मुझे कब याद रहता था..
    किधर सूरज निकलता था
    किधर से रात ढलती थी..
    तुम्हारा साथ काफी था
    मेरे इस हाथ की खातिर..
    तुम्हारे ही इशारे से
    तो मेरी साँस चलती थी..

    ...बहुत ह्रदयस्पर्शी भावमयी अभिव्यक्ति...

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  2. हार्दिक धन्यवाद कैलाश जी....

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  3. ♥*♥





    प्रिय बंधुवर अमित तिवारी जी
    सस्नेहाभिवादन !

    वाह ! क्या मार्मिक प्रेम कविता है !
    यक़ीनन वो हसीं पल थे
    कि जब तुम मुस्कुराती थीं..
    मेरे सपनो के गुलशन में
    किसी तितली सा गातीं थीं..
    तुम्हारी आँख से मोती
    बरसना याद है मुझको..
    तुम्हारे रूठ जाने से
    बहारें रूठ जाती थीं..

    सुंदर भावपूर्ण रचना है … आभार !

    हार्दिक मंगलकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  4. आपके समक्ष एक गुजारिश ले कर आया हूँ,
    डॉ अनवर जमाल अपने ब्लॉग पर महिला ब्लोग्गरों के चित्र लगा रखे कुछ ऐसे-वैसे शब्दों के साथ. LIKE कॉलम में. उससे कई बार रेकुएस्ट कर ली पर उसके कान में जूं नहीं रेंग रही. आप विद्वान ब्लोगर है, मैं आपसे ये प्राथना कर रहा हूँ

    कि उसके यहाँ कमेंट्स न करें,
    न अपने ब्लॉग पर उसे कमेंट्स करेने दें.
    न ही उसके किसी ब्लॉग की चर्चा अपने मंच पर करें,
    न ही उसको अनुमति दें कि वो आपकी पोस्ट का लिंक अपने ब्लॉग पर लगाये,

    उनको समझा कर देख लिया. उसका ब्लॉग्गिंग से बायकाट होना चाहिए. मेरे ख्याल से हम लोगों के पास और कोई रास्ता नहीं है.

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  5. खूबसूरत अहसास .....

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  6. आज 4/09/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

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  7. बेहद सुंदर रूमानी रचना ।

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