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Tuesday, August 5, 2014

पागल वाला प्यार (mad love)




'क्या यार... तू हमेशा ये लव यू, लव यू ना कहा कर। कोफ्त होने लगती है', सौम्या ने कहा।
तन्मय, 'तुझसे तो मेरा प्यार भी नहीं पचता..., मैं क्या करूं।'
सौम्या, 'मुझसे नहीं झेला जाता इतना प्यार-व्यार किसी का भी। और तू भी ना इतना प्यार मत किया कर मुझसे। किसी दिन गुस्सा आ गया तो छोड़ दूंगी तुझे भी। फिर रोता रहियो अपना प्यार लेके।'
तन्मय, 'हां, तुझे क्या फर्क पड़ता है। लेकिन मैं क्या करूं, मुझे तोे तेरे गुस्से पर भी प्यार ही आता है।' 
सौम्या, 'ओह... डायलॉग...'
तन्मय, 'डॉयलॉग नहीं यार... सच में। तुझे बहुत प्यार करता हूं। तेरे-मेरे रिश्ते में, मेरे पास है भी क्या? गुस्सा, चा‍हत, जरूरत, इच्छा... सब तेरे ही तो हैं... मेरे पास बस मेरा ये प्यार ही तो है। जब नहीं रहूंगा पास, तब तुझे याद आएगी। और मैं तो ये भी नहीं कह सकता कि तुझे छोड़ जाउंगा। मेरे बस का तो ये भी नहीं है। फैसला करने का तो अधिकार तेरे पास है।'
सौम्या, 'चल पागल... इमोशनल ना हो...। बाद में बात करती हूं।'
सौम्या ने खिलखिलाहट के साथ फोन काट दिया।
तन्मय अब भी अपने पागलपन पर हंस रहा है।

- अमित तिवारी
दैनिक जागरण 

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