उसको पाना, उसको खोना,
उस संग हँसना, उस बिन रोना,
उसकी बातें, झिलमिल रातें,
उसकी वो प्यारी सौगातें,
उसका गुस्सा, उसका प्यार,
उसकी जीत उससे हार
क्या-क्या गुजरे, कैसे बीते
जीवन घट ये घुट-घुट रीते,
जीवन सारा उसका हिस्सा,
हर पन्ने पर उसका किस्सा,
कैसे किस्से छोड़ चलूँ,
कैसे मैं मुंह मोड़ चलूँ,
कैसे मैं बदलूं ये सच,
कैसे रिश्ता तोड़ चलूँ
उसका होना, मेरा होना,
उसमे जगना, उसमे सोना,
उसको भी महसूस तो होगा,
अपने दिल में मेरा होना...
अमित तिवारी
बिज़नेस भास्कर
(चित्र गूगल से साभार)
बहुत ही अच्छी रचना की है आपने !!
ReplyDeleteboht sundar
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