तन्मय का फोन उठाते ही सौम्या चिल्लाई, 'तू पागल है क्या... अकल है कि नहीं...'
तन्मय ने चौंकते हुए पूछा, 'क्यू... अब क्या हुआ?'
सौम्या,
'क्या हुआ क्या... तेरी वजह से कितना बवाल हुआ आज। जब मन करे मुंह उठाकर
फोन मिला देता है। कोई टाइम भी तो होना चाहिए...'
तन्मय ने चौंकते हुए पूछा, 'क्यू... अब क्या हुआ?'
तन्मय, 'लेकिन हुआ क्या? कुछ बता तो।'
सौम्या ने बिफरते हुए कहा, 'कुछ नहीं हुआ... जब देखो तब तेरा फोन... भाई ने कितना सुनाया आज... मुझे फोन मत करियो अब कभी जब तक मैं ना करूं... समझा?'
तन्मय ने उदासी से कहा, 'समझा तो नहीं... लेकिन कर भी क्या सकता हूं...'
सौम्या ने खीझते हुए कहा, 'नहीं समझेगा तो नंबर बदल दूंगी। फिर मिलाता रहियो।'
तन्मय हुंकारी भरकर चुप हो गया। सौम्या ने फोन काट दिया।
कुछ दिन पहले ही सौम्या ने कहा था, 'तू मेरा इंतजार ना किया कर। मेरे इंतजार में रहेगा तो कभी बात नहीं होगी... बहुत बिजी हूं मैं। तू खुद ही कर लिया कर फोन।'
फिलहाल तन्मय अपने लेटेस्ट टेलीफोनिक ब्रेकअप के सदमे में है। सौम्या का पता नहीं... अभी तो दो ही दिन हुए हैं। वैसे भी सौम्या कहती है कि उसे तो हफ्ते भर किसी की याद नहीं आती।
- अमित तिवारी
दैनिक जागरण
No comments:
Post a Comment